साइबर क्राइम से सुरक्षा किशोर-किशोरियों, छात्र-छात्राओं हेतु जागरूकता के कुछ बिंदु | डॉ. शालीन शर्मा
साइबर क्राइम से सुरक्षा किशोर-किशोरियों, छात्र-छात्राओं हेतु जागरूकता के कुछ बिंदु | डॉ. शालीन शर्मा
साइबर क्राइम से सुरक्षा किशोर-किशोरियों, छात्र-छात्राओं हेतु जागरूकता के कुछ बिंदु | डॉ. शालीन शर्मा
साइबर क्राइम क्या है ?
o कम्प्यूटर/स्मार्ट फोन एवं इंटरनेट का प्रयोग कर की जाने वाली कोई अवैधानिक/गैर कानूनी गतिविधि जहाँ कम्प्यूटर/स्मार्ट फोन एक साधन अथवा लक्ष्य या दोनों के रूप में प्रयोग किया गया हो।
o इसमें व्यक्ति/समूह आपराधिक नीयत से कार्य करता/करते हैं।
o किसी व्यक्ति/समूह को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शारीरिक या मानसिक रूप से आघात पहुँचाने अथवा किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने की नीयत से किया गया कार्य।
o भारत विश्व में साइबर क्राइम से सबसे अधिक प्रभावित पाँचवा देश है।
o म.प्र. भी राज्यों में अग्रणी, 2016 में प्रदेश में 151 केस दर्ज किए गए, जिनमें से 70 सुलझाये गए।
साइबर क्राइम के प्रकार -
o हैकिंग - डाटा की चोरी, वाइरस/वॉर्म, इ मेल स्पूफिंग
o पहचान की चोरी - झूठी प्क्ए इमपरसॉनेशन - फायदा पाने के लिए
o नकली प्रोफाइल - जिस पर आपत्तिजनक तस्वीर/सूचना पोस्ट करना
o पासवर्ड हैकिंग - पिक्चर मॉर्फिंग, सोशल मीडिया/पोस्ट, मानहानि, प्रतिष्ठा को नुकसान
o इन्टरनेट, ई-मेल, नोटिस बोर्ड, ग्रुप्स, सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्स एप, SMS, MMS
o साइबर बुलिइंग/छेड़़छाड़ - लगातार परेशान करना
o पिशिंग/मालवेयर वाली इ मेल - सूचना प्राप्त करने का प्रयास, जैसे यूसर नेम या पासवर्ड।
o वेन्डेलिज्म - डाटा नष्ट करना।
o ऑन लाइन फ्रॉड/धोखाधड़ी
क्या करें/क्या न करें
o चैट रूम/इंटरनेट कैफे में कभी भी व्यक्तिगत जानकारी न दें।
o सोशल वेबसाइट/ब्लॉग पर भी कभी व्यक्तिगत जानकारी न दें।
o कभी किसी को भी अपना पासवर्ड न बतायें।
o एकाउन्ट/कार्ड डिटेल्स, किसी को भी फोन पर न बतायें।
- RBI या IRDA कभी भी ऐसी जानकारी हेतु फोन नहीं करते।
- बैंक/संस्थायें /gmail, yahoo, rediff जैसे एकाउन्ट से मेल नहीं भेजते।
o अनजान लागों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
o सोशल मीडिया पर बिना देखे/सोचे आँख बंद कर क्लिक न करें।
o कभी भी ऐसे तथ्य छिपायें नहीं।
o कभी भी अकेले में परेशान न हों - बात करें - माता पिता/शिक्षक/अन्य विश्वासपात्र व्यक्ति से।
o ऐसे कॉल्स/मेल्स/मैसेजेस से बचें जो आपको आसान फायदों/पैसे/नौकरी आदि का लालच देते हों।
o अनजान व्यक्तियों द्वारा भेजे गए अथवा सन्देहास्पद मैसेजेस या लिंक्स को क्लिक न करें।
o थ्रेट मेल्स/मैसेजेस का जवाब कभी न दें।
o ऐसे मेल्स/मैसेजेस को डिलीट न करें।
o उन्हें किसी बड़े/समझदार व्यक्ति को दिखायें/बतायें।
o उन्हें सबूत के रूप में इस्तेमाल करें।
o रिमूवल ऑफ कंटेन्ट हेतु सर्विस प्रदाता को रिक्वेस्ट भेजें।
o दण्ड या जुर्माने संबंधी कॉल्स/मैसेजेस से डरें नहीं।
o हमेशा इस बारे में बात करें, अन्दर ही अन्दर न घुटें।
o हमेशा इ मेल व अटैचमेंट्स को खोलते वक्त सतर्कता बरतें।
o पासवर्ड बनाते समय अक्षरों, अंकों व चिन्हों का प्रयोग करें।
o फोन/हैण्ड सेट एवं सिम दोनों के लिए अलग-अलग पिन बनायें।
o हमेशा कठिन व लम्बे पासवर्ड बनायें।
o स्वयं/परिवार के सदस्यों/प्रिय व्यक्ति आदि के नाम, जन्म तिथि, विवाह तिथि आदि का प्रयोग संभव हो तो न करें।
o शॉर्ट फॉर्म एवं चिन्हों का प्रयोग अधिक करें।
o एंटी वायरस व फायर वाल्स का प्रयोग करें।
o याद रखें कि, यदि ऐसा लगे कि यह सच हो सकता है तो अधिकतर वह होगा नहीं।
o जो पहली नजर में अच्छा लगे, उसे जरूर ठीक से जाँच लें।
o ऐसे लोग उन्हीं को परेशान कर पाते हैं, जो परिस्थिति का सामना करने में कमजोर पड़ जाते हैं।
o साइबर क्राइम कानूनन अपराध है और पुलिस हमेशा आपके साथ है।
o मुफ्त हेल्पलाइन्स हैं - च्वसपबम दृ 100, महिला हेल्पलाइन - 181, 1090 एवं 1091
o किशोरी हेल्पलाइन - 1800 233 1250, चाइल्ड लाइन - 1098